Tuesday, July 27, 2010

पाकिस्तानी कलाकारों से परहेज क्यों ?


देश की राजनीतिक पार्टियां आमतौर पर सुर्खियों में बने रहने के लिए निम्नतम स्तर के हथकंडे अपनाने से भी परहेज नहीं करती. ऐसी ही एक राजनीतिक पार्टी ने हाल ही में बॉलीवुड को यह फरमान सुना दिया है कि साहब पाकिस्तानी कलाकारों को अपनी फिल्मों, छोटे परदे के कार्यक्रमों में काम देने से परहेज करो, वरना अंजाम बुरा होगा. ऐसी पार्टियों और नेताओं का मानना है कि जब पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते अच्छे नहीं है, तो फिर उसके कलाकारों को भारतीय मनोरंजन जगत में भला क्यों काम करने दिया जाए ?
बात पते की है, लेकिन लगती गलत है. पहली बात तो यह कि कला को किसी सीमा या देश के आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता. अगर पाकिस्तानी कलाकारों में हूनर है, तो उन्हें बॉलीवुड या हॉलीवुड या फिर कॉलीवुड कहीं भी काम दिया जाए, तो इसमें कोई भी बुराई नहीं है. माना कि पाकिस्तान में भारतीय गायको, कलाकारो और शास्त्राीय संगीतज्ञों पर पाबंदी लगी हुई है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि पाकिस्तान जैसा ही ओछापन हम भी दिखाएं.
दरअसल यह सारा मामला इन दिनों इसलिए तूल पकड़ रहा है क्योंकि हाल ही में एक पाकिस्तानी गायक अली जफर की हिंदी फिल्म रिलीज हुई है तेरे बिन लादेन. फिल्म बॉलीवुड की है, लेकिन इसमें मुख्य भूमिका अली जफर ने निभाई है. उधर, आजकल छोटे पर्दे के टीवी चैनलों पर भी जो रियलिटी शो, संगीत आधारित कार्यक्रमों की बाढ़ आई है, उनमें भी पाकिस्तानी कलाकार खूब दिखाई दे रहे हैं और ख्ूाब तारीफें भी बटोर रहे हैं. स्टार प्लस पर आजकल एक ऐसा ही टेलेंट शो दिखाया जा रहा है छोटे उस्ताद नाम से, जिसमें पाकिस्तानी बच्चें संगीत के मामलें में भारतीय प्रतिभाओं को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. भारत की ओर से इसमें सोनू निगम प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
विवाद इन्हीं पाकिस्तानी प्रतिभाओं की भारतीय मनोरंजन जगत में शिरकत को लेकर तूल पकड़ रहा है. मांग की जा रही है कि इन प्रतिभाओं को भारतीय मनोरंजन जगत में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका न दिया जाएं.
हालांकि इस तरह की मांग करने वालों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं होता कि यह सही है या गलत. वे इस बात की भी कोई गारंटी नहीं दे सकते कि अगर वे पाकिस्तानी कलाकारों की प्रतिभाओं को रोक देंगे, तो उन्हें कोई दूसरा मंच नहीं मिलेगा.
जबकि असलियत यह है कि उन्हें बराबर मंच मिलेगा. अगर किसी के पास कला है, तो वह उसे निखारकर ही रहता है, फिर चाहे कितनी भी उलझने क्यों न आए ? दूसरी ओर पाकिस्तानी कलाकारों को भारत आने से रोककर हम अपनी ओछी मानसिकता का परिचय ही देंगे.

1 comment:

  1. we should not do this. all human are same, we should respect all human being.

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