Friday, July 30, 2010

कॅरिअर को धक्का देती हीरोईने


हीरोइनों को लेकर बॉलीवुड में एक सर्वमान्य तथ्य बना हुआ है ः जब तक जवानी रहती है, उन्हें फिल्मों में काम मिलता है. जवानी गई, तो धीरे-धीरे फिल्में भी उनके हाथ से जाने लगती है. आखिर में थक हारकर वे फिल्मों से विदा हो जाती है. बीते एक दशक में जूही चावला, करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, तब्बु जैसी हीरोईनों ने अपने कॅरिअर के आखिरी दौर में समझदारी दिखाते हुए फिल्मों को अलविदा कहकर दांपत्य जीवन में प्रवेश कर लिया.
लेकिन इसके उलट कुछ ऐसी भी अभिनेत्रियां है जो अपने कॅरिअर का अच्छा दौर गुजर जाने के बाद भी बॉलीवुड में टिकी हुई है और इस उम्मीद में संघर्ष किए जा रही है कि शायद एक बार उनकी तकदीर फिर चमक जाए, शायद एक बार फिर हिट फिल्मों की कतार उनके नाम के आगे लग जाए.
ऐसी अभिनेत्रियों में सबसे पहले प्रिटी जिंटा और रानी मुखर्जी का नाम आता है. कुछ साल पहले तक ये दोनों बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी. खासकर रानी मुखर्जी तो इंडस्ट्री के तमाम नामचीन फिल्मकारों की पहली पसंद बनी हुई थी. 2000 से 2005 तक रानी मुखर्जी ने एक के बाद एक नायक, कभी खुशी कभी गम, साथिया, चलते-चलते, हम-तुम, वीर-जारा, बंटी और बबली और ब्लेक जैसी कामयाब फिल्में देकर बॉलीवुड की महारानी का खिताब भी हासिल कर लिया था. ये फिल्में टिकट खिड़की पर भी हिट थी और इनमें रानी के काम को आलोचकों ने भी खूब सराहा था. यह वह दौर था, जब रानी बॉलीवुड के हर बड़े निर्माता-निर्देशक और सितारों की पहली पसंद हुआ करते थे. शाहरूख, सलमान, सैफ जैसे बड़े सितारे और करण जौहर, आदित्य चैपड़ा जैसे बड़े फिल्मकार रानी को अपनी फिल्मों में लेने के लिए हरदम तैयार रहते थे.
लेकिन 2005 के बाद से ही रानी मुखर्जी के कॅरिअर में उतार आना शुरू हो गया. कभी बॉलीवुड की महारानी कही जाने वाली रानी मुखर्जी ने पिछले पांच साल से एक भी हिट फिल्म नहीं दी है. इस दौरान उनके खाते में मंगल पांडे, कभी अलविदा न कहना, तारारमपम, पहेली,, थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक दिल बोले हडिप्पा, लागा चुनरी में दाग जैसी बड़े बैनर की नाकाम फिल्में जरूर जुड़ी है. बात बिल्कुल साफ है, रानी का जादू अब दर्शकों के दिलो-दिमाग से पुरी तरह उतर चुका है. बावजूद इसके वे अभी भी इस आस में बॉलीवुड में बनी हुई है कि शायद उनकी किस्मत एक बार फिर चमक जाए. हालांकि लाख कोशिशों के बावजूद आदित्य चैपड़ा और करण जौहर जैसे फिल्मकार भी रानी को कामयाबी दिलाने में असफल ही रहे हैं.
ऐसा ही हाल प्रिटी जिंटा का भी है. यह भी एक संयोग है कि प्रिटी का कॅरिअर भी रानी के साथ ही बुलंदी पर पहुंचा और उनके कॅरिअर का पतन भी रानी के साथ ही शुरू हुआ. रितिक रोशन के साथ 2006 में रिलीज हुई फिल्म क्रिश प्रिटी के कॅरिअर की आखिरी हिट थी. पिछले पांच सालों में प्रिटी के नाम पर भी जानेमन, झूम बराबर झूम, हिरोज, मैं और मिसेस खन्ना जैसी नाकाम फिल्में दर्ज हो चुकी है. इस बीच अपने कॅरिअर की नाकामी को भूलाने के लिए प्रिटी एक बिजनेसमेन भी बन गई है. आईपीएल में पंजाब की टीम में उनका भी निवेश है और पिछले दो सालों से वे फिल्मों से ज्यादा क्रिकेट के मैदान पर नजर आती है. बावजूद इसके फिल्मों का मोह उनसे भी नहीं छूट रहा है.
शिल्पा शेट्टी की हालत हालांकि इनसे कुछ जूदा हैं. उनके कॅरिअर में तो खैर अच्छा दौर कभी आया ही नहीं, लेकिन अब वे दर्शकों द्वारा पूरी तरह भूला दी जा चुकी हैं. प्रिटी की तरह ही अब वे भी आईपीएल में खेलने वाली राजस्थान टीम की मालकिन है और उन्होंने शादी भी रचा ली है. लेकिन फिल्मों से मोह उनका भी नहीं गया है. हाल ही में वे दोस्ताना फिल्म में आईटम गीत करती नजर आई. अब सनी देओल के साथ द मेन नामक एक फिल्म भी कर रही है और सुर्खियों में इसी बहाने बनी रहती है कि शायद कॅरिअर के आखिरी दौर में ही कुछ चमत्कार हो जाए.
हालांकि इन अभिनेत्रियों की चमत्कार की उम्मीद दूर-दूर तक पूरी होती दिखाई नहीं दे रही. बॉलीवुड में हर साल नई अभिनेत्रियां दस्तक देती है. आज की तारीख में बॉलीवुड के पास दीपिका पादुकोण, कैटरीना कैफ, प्रियंका चैपड़ा, सोनम कपूर जैसी जवान और खूबसूरत अभिनेत्रियां है. इनके रहते हुए बुढ़ा चुकी प्रिटी, रानी या शिल्पा को भला दर्शक देखने जाए भी तो क्यों जाए? अफसोस कि इन अभिनेत्रियों को यह बात समझ में नहीं आ रही कि इनका दौर अब खत्म हो चुका है.

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