Thursday, July 29, 2010
जन्मदिन विशेष ः संजय दत्त
29 जुलाई 1959 को सुनील दत्त और नरगिस जैसे भारतीय सिनेमा के महान कलाकारों के यहां पहली संतान के तौर पर जन्मे संजय दत्त के लिए जिंदगी बेहद आसान हो सकती थी, लेकिन अफसोस कि हुआ इसके ठीक उलट. 1981 में पिता संजय दत्त ने अपने लाडले बेटे को धूमधाम से लांच करने के लिए रॉकी फिल्म बनाई. फिल्म हिट रही और संजय दत्त भी हिट हो गए. जिंदगी सुहानी नजर आ रही थी, कॅरिअर की बुलंदियां भी नजर आ रही थी. लेकिन संजू बाबा की किस्मत में कुछ और ही लगा था. इससे पहले कि संजय का कॅरिअर परवान चढ़ पाता, सुनील दत्त-नरगिस का यह लाडला ड्रग्स के चक्कर में पढ़ गया. मां-बाप के सामने फिर से एक दिक्कत बन गए संजय. लेकिन संजय के पिता सुनील दत्त एक जमीनी योधा थे, आखिरी दम तक लड़ने वाले, आखिरी दम तक किला लड़ाने वाले. सो, उन्होंने अपने लाडले को फिर से संभाला और फिल्मों की ओर लौटा दिया. बाद के सालों में विदेश से ड्रग्स की लत से छुटकारा पाकर वापस लौेटै संजय दत्त ने विधाता, जान की बाजी, नाम जैसी फिल्मों से खूब शोहरत हासिल की. संजय दत्त का नाम बॉलीवुड के सितारा अभिनेताओं में शुमार होने लगा. लेकिन तभी मुंबई में बाबरी विध्वसं धटा और इस बार संजय दत्त कानून के शिकंजे में आ गए. टाडा के तहत उन पर खतरनाक शस्त्र रखने का आरोप लगा, अंडरवल्र्ड से रिश्तों के चलते लंबे समय तक उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भी रहना पड़ा. लेकिन इस बार भी पिता सुनील दत्त ढाल की तरह सामने आए, अपने बेटे को एक बार फिर सभी दिक्कतों से बाहर निकाला. नब्बे के दशक में बतौर अभिनेता संजय दत्त ने साजन, यलगार, खलनायक, गुमराह दुश्मन, वास्तव, खूबसूरत जैसी हिट फिल्में देकर अपनी मौजूदगी बॉलीवुड में बनाए रखी.
बतौर अभिनेता संजय दत्त के कॅरिअर की सबसे बड़ी उपलब्धि उनके द्वारा की गई फिल्में मुन्नाभाई एमबीबीएस और लगे रहे मुन्नाभाई कही जा सकती है. नए दौर के सिनेमा में संजय दत्त अपनी पहचान खोने लगे थे, तभी राजू हिरानी 2003 में मुन्नाभाई जैसी महान फिल्म लेकर आ गए. आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप झेल चुके संजू बाबा रातों-रात मुन्नाभाई के तौर पर देश के भीतर लोकप्रिय हो गए. असल में, मुन्नाभाई एमबीबीएस से संजय दत्त के कॅरिअर की नई शुरूआत हुई.
मुन्नाभाई फिल्मों से मिली लोकप्रियता को वे आज भी बनाए हुए हैं. वैसे आजकल उनकी फिल्में इतनी ज्यादा हिट नहीं होती है, फिर भी इंडस्ट्री में उनकी मौजूदगी बरकरार है. हाल ही में लम्हा जैसी फिल्म में वे नजर आए. पचास साल की उम्र में भी बॉलीवुड की एक्शन और कॉमेडी फिल्मों में उनका जलवा बरकरार है और आने वाले सालों में उनके प्रशसंकों को भी उम्मीद है कि कई और मुन्नाभाई फिल्मों में उनका जलवा बरकरार रहेगा.
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