Saturday, July 31, 2010

मुंबईयां फिल्में और अंडरवल्र्ड


मुंबईयां फिल्मों का अंडरवल्र्ड से गहरा रिश्ता है. चैकिएं मत, हम उस रिश्ते की बात नहीं कर रहे है, जिसमें अंडरवल्र्ड के पैसे से बॉलीवुड की फिल्में बना करती है. वो तो, महाराष्ट्र पुलिस और कानून-व्यवस्था के ठेकेदारों के लिए जांच का विषय है. यहां बात हो रही है उन मुंबईयां फिल्मों की, जिनमें अंडरवल्र्ड की दुनिया को दिखाया गया. आजादी के बाद के तीन दशक को छोड़ दे, तो अस्सी के दशक से बॉलीवुड की फिल्मों में अंडरवल्र्ड खूब नजर आने लगा था. याद कीजिए फिरोज खान की धर्मात्मा, अमिताभ बच्चन की कालिया, डॉन फिल्में जिनमें अंडरवल्र्ड का सरगना नायक को ही दिखाया गया था. उसी परंपरा को कायम रखते हुए इस शुक्रवार एक और पिक्चर रिलीज हुई है. वंस अपान ए टाइम नामक अजय देवगन-इमरान हाशमी अभिनीत इस फिल्म में सत्तर के दशक के अंडरवल्र्ड को दिखाया गया है ,जब हाजी मस्तान और दाउद इब्राहिम जैसे कुख्यात सरगना दुनिया के सामने आए थे.
इस अवसर पर यह जानना दिलचस्प होगा कि पिछले कुछ दशक, सालों में वे कौन-कौन सी फिल्में रही, जिन्हें अंडरवल्र्ड की कहानी के चलते दर्शकों ने खूब पसंद किया. इस श्रंखला में सबसे पहले याद आती है रामगोपाल वर्मा की फिल्म सत्या की. 1998 में आई इस फिल्म के साथ सही मायनों में अंडरवल्र्ड की कहानी को रियलिस्टिक अंदाज में दिखाने की शुरूआत हुई. इससे पहले की अंडरवल्र्ड पर आधारित बॉलीवुड फिल्मों में सरगनाओं की कहानी को हवा-हवाई अंदाज में दिखाया जाता था. लेकिन सत्या में अंडरवल्र्ड का एकदम वास्तविक चित्रण था. अनुराग कश्यम की कलम से निकली इस फिल्म ने अंडरवल्र्ड फिल्मों की नींव रखी. इस पिक्चर ने ही बॉलीवुड को कश्यप जैसा लेखक और मनोज वाजपेयी जैसा अभिनेता दिया. रामू की यह क्लासिकल पिक्चर एक जमाने में मुंबई पर राज करने वाले अंडरवल्र्ड सरगना अरूण गवली और नेता मोहन रावले के बीच की प्रतिद्वंद्वीता पर आधारित थी. इसके बाद रामू ने अंडरवल्र्ड पर आधारित एक और क्लासिक फिल्म बनाई. नाम था इस पिक्वर कंपनी, जो 2002 में रिलीज हुई थी. अंडरवल्र्ड सरगना दाउद इब्राहिम और छोटा राजन की लड़ाई पर आधारित यह फिल्म भी अजय देवगन और विवेक ओबेराय के शानदार अभिनय के चलते बड़ी हिट साबित हुई थी.
महेश मांजरेकर के निर्देशन में बनी फिल्म वास्तव भी श्रेष्ठ अंडरवल्र्ड फिल्मों में शुमार की जाती है. 1999 में रिलीज हुई इस पिक्चर में संजय दत्त ने अंडरवल्र्ड डॉन की भूमिका निभाई थी. इस पिक्चर के बारे में माना जाता है कि यह छोटा राजन की जिंदगी पर बनी थी और इसमें पैसा भी छोटा राजन ने ही लगाया था.
इसके बाद 2007में आई शूटआउट एट लोखंडवाला में भी अंडरवल्र्ड की दहशत को दिखाया गया था. नब्बे के दशक में मुंबई के लोखंडवाला इलाके में हुए इनकाउंटर पर आधारित इस फिल्म में संजय दत्त पुलिस कमिश्नर बने थे, वहीं विवेक ओबेराय ने डॉन का किरदार निभाया था. महेश भट्ट के बैनर तले आई फिल्म गेंगस्टर में अबू सलेम और उसकी प्रेमिका मोनिका बेदी की कहानी कही गई थी. इमरान हाशमी, कंगना राणावत के अभिनय से सजी यह फिल्म भी खूब चर्चित रही थी.
2009 में विशाल भारद्वाज के निर्देशन में आई फिल्म कमीने में भी अंडरवल्र्ड को दिखाया गया था. इसमें शाहिद कपूर डबल भूमिका में थे, जिसमें से एक भूमिका में वे अंडरवल्र्ड के आदमी बने हैं.
साफ है, बॉलीवुड के फिल्मकारों को अंडरवल्र्ड हमेशा से ही लुभाता रहा है. बॉलीवुड की फिल्मों में अंडरवल्र्ड कहां तक बैठा हुआ है, इसकी बात न ही की जाए तो अच्छा है ,लेकिन इतना तो तय है कि दर्शक भी इन फिल्मों को खूब पसंद करते हैं.

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