Friday, July 2, 2010

अधर में जूनियर बच्चन का कॅरिअर


किसी की दलील है कि अभिषेक बच्चन के लिए कामयाबी का सफर तय करना बेहद आसान सी लगने वाली बात हैं, क्योंकि आखिरकार वे बाॅलीवुड के सबसे बड़े सितारें अमिताभ बच्चन के पुत्र हैं. किसी दूसरे की दलील है कि अभिषेक की इंडस्ट्री में लंबी पारी खेलने की संभावना सौ फीसदी हैं, क्योंकि आखिरकार नाकाम फिल्मों के ढेर पर खड़े होने के बावजूद प्रत्येक निर्माता-निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में लेने के लिए तैयार रहता है, क्योंकि उनके साथ बच्चन सरनेम जुड़ी हुई है. वहीं, कोई तीसरा यह दलील देता है कि अभिषेक के लिए टिकट खिड़की पर कामयाबी हासिल करना बेहद आसान है, क्योंकि आखिरकार उनकी ज्यादातर फिल्मों में पिता अमिताभ या पत्नी ऐश्वर्या राय अपनी सितारा हैसियत के साथ मौजूद होती है.
लेकिन अफसोस कि, बावजूद इन सभी दलीलों के अभिषेक बच्चन का कॅरिअर कुछ अलग ही तस्वीर बयां करता है. हाल ही में रिलीज हुई अभिषेक की एक और मेगा बजट फिल्म ‘रावण’ तमाम हो-हल्ले के बावजूद टिकट खिड़की पर औंधे मूंह गिर गई. फिल्म के साथ मणिरत्नम जैसे दिग्गज निर्देषक का नाम जुड़ा हुआ था, गुलजार और एआर रहमान की जुगलबंदी गीत-संगीत में जलवे बिखेरने के लिए मौजूद थी. और इन सबसे बड़कर ऐष्वर्या राय उनकी नायिका के तौर पर ग्लैमर का तड़का लगा रही थी. बावजूद इन सभी खूबियों के फिल्म टिकट खिडकी पर कोई कमाल नहीं दिखा पाई. अपनी इस महत्वाकांक्षी फिल्म को मणिरत्नम ने सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के बजट में बनाया, दो भाषाओं में फिल्म को रिलीज किया. लेकिन अफसोस कि इसके बाद भी सौ करोड़ के बजट वाली यह फिल्म कूल जमा तीस करोड़ ही कमा पाई और साल की सबसे बड़ी नाकाम फिल्म के तौर पर दर्ज हो गई.
रावण के टिकट खिड़की पर औंधे मूंह गिरने के साथ ही अभिषेक के कॅरिअर को लेकर कयासों का दौर एक बार फिर शुरू हो गया. चर्चाएं होने लगी कि क्या रावण के साथ ही अभिषेक के कॅरिअर का भी अंत हो गया है ? भूलना नहीं चाहिए कि दिल्ली 6 और द्रोणा के बाद अभिषेक की यह लगातार तीसरी नाकाम फिल्म हैं. रावण की तरह ही दिल्ली 6 और द्रोणा भी बड़े बजट की फिल्मंे थी. साथ ही इन तीनों फिल्मों में अभिषेक एकल नायक की भूमिका में थे, मतलब यह कि पूरी फिल्म की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर ही थी. लेकिन अफसोस कि यह कंधे कमजोर साबित हुए, सो तीनों ही फिल्में टिकट खिड़की पर भरभरा कर गिर गई. सो, अब जूनियर बच्चन के कॅरिअर को खत्म मान लिया गया है.
वैसे भी बाॅलीवुड में हर साल नए, युवा सितारे दस्तक दे रहे हैं. शाहरूख, सलमान, आमिर जैसे सितारे उम्रदराज होते जा रहे हैं, तो उनकी जगह लेने के लिए शाहिद कपूर, रणबीर कपूर और इमरान खान जैसे नए सितारे कतार में हैं. ऐसे में पैंतीस साल के होने आए अभिषेक के लिए संभावनाएं कम ही बचती है. माना कि उनके साथ मणिरत्नम, गोल्डी बहल जैसे निर्माता-निर्देषक अपनी फिल्मों में लेते रहे हैं, लेकिन लगातार नाकामी के बाद अगर वे भी अभिषेक से मूंह मोड़ ले, तो आष्चर्य नहीं होना चाहिए. दूसरी ओर अन्य सितारों की तरह अभिषेक चैपड़ा, जौहर, भंसाली या विधु विनोद चैपड़ा कैंप के स्थायी सदस्य भी नहीं है. वहीं, उनकी पत्नी और भूतपूर्व सुंदरी ऐष्वर्या राय का कॅरिअर भी उतार पर है. प्रियंका, कैटरीना, सोनम कपूर और दीपिका जैसी नई हिरोईनों के आगमन ने ऐष्वर्या को पूरी तरह पाष्र्व में धकेल दिया है.
ऐसे में अभिषेक के लिए एक ही विकल्प बचता है-वे दोस्ताना फिल्म की तरह ही सहअभिनेता के तौर पर मल्टीस्टारर फिल्मों में काम करते रह सकते हैं. ऐसा करके शायद वे अपनी फिल्मी पारी को लंबा खींच सके. जहां तक एकल अभिनेता के तौर पर उनके भविष्य की बात है, तो वह तो लगातार तीन मेगा बजट फिल्मों की नाकामी के बाद खत्म हो गया ही लगता है.

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