Tuesday, June 29, 2010

अच्छी फिल्में ही बनाउंगा: नीरज पाठक


फिल्म निर्माण की किसी एक विधा में दक्षता हासिल करना ही बहुत बड़ी बात है, लेकिन कुछ बिरली शख्सियतें ऐसी भी होती हंै, जो प्रत्येक विधा में अपनी छाप छोड़ जाती हैं. बीते दौर के बाॅलीवुड की बात करें तो गुलजार ऐसी ही शख्सियत थीं, जिन्होंने फिल्म निर्देशन के साथ ही लेखन में भी नई ऊंचाइयों को छुआ. वर्तमान में भी बाॅलीवुड में राजकुमार हिरानी, करण जौहर, आदित्य चैपड़ा, अनुराग कश्यप जैसी हरफनमौला शख्सियतें भारतीय सिनेमा को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में जुटी हुई हैं. 12 मार्च को रिलीज हुई फिल्म राइट या रांग के निर्देशक नीरज पाठक भी एक ऐसी ही शख्सियत हैं. बतौर लेखक नीरज पाठक ने शाहरुख खान अभिनीत परदेस और धर्मेंद्र, सनी देओल और बाॅबी देओल अभिनीत अपने जैसी फिल्में लिखी हैं. और अब हाल ही में उन्होंने अपनी फिल्म राइट या रांग की रिलीज के साथ बतौर निर्देशक नई पारी शुरू की है. 12 मार्च को रिलीज हुई राइट या रांग आईपीएल और परीक्षाओं के चलते भले ही उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं कर पाई हो, लेकिन आलोचकों ने फिल्म को खूब सराहा. प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के संपादित अंश.
कुछ अपने बारे में बताएं?
मुझे बचपन से ही फिल्मी दुनिया अपनी ओर खींचने लगी थी. इसीलिए मैंने इसे अपने करियर के तौर पर अपनाने का फैसला किया और आंखों में सपने लिए थियेटर से शुरूआत की.
तो फिर, इंडस्ट्री में पहला ब्रेक कैसे मिला?
पहला बे्रेक मुझे सुभाष घई ने दिया. यह 1997 के आसपास की बात है. वे उन दिनों शाहरुख खान और महिमा चैधरी के साथ परदेस फिल्म बना रहे थे. मुझे इस फिल्म को लिखने का मौका मिला. मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे पहली ही फिल्म में घई साहब जैसी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज निर्देशक के साथ काम करने का मौका मिला. फिल्म सुपरहिट रही और इसी के साथ मेरा करियर भी चल पड़ा.
लेकिन इंडस्ट्री में आपको सबसे ज्यादा अपने फिल्म के लेखक के तौर पर जाना जाता है?
हां. और मुझे इस बात का बेहद गर्व है. परदेस फिल्म से शानदार आगाज करने के बाद मैंने चाहत, जुर्म और दीवानगी जैसी फिल्मों के लिए भी लिखा. अक्षय खन्ना और अजय देवगन अभिनीत दीवानगी के लिए संवाद लिखे, चाहत के लिए गाने लिखे और जुर्म की पटकथा लिखी. लेकिन मेरे करियर में सबसे अहम मोड़ अपने लिखने के बाद आया.
अपने फिल्म को लिखने की शुरुआत कहां से हुई?
दरअसल, अनिल शर्मा एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे, जिसमें धर्मंेद्र अपने दोनों बेटों- बाॅबी और सनी के साथ नजर आएं. इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने की कहानी लिखी. बस इसके बाद जो कुछ हुआ, वह अपने आप में एक इतिहास है. अपने पहली फिल्म है, जिसमें देओल परिवार के तीनों सितारे एक साथ नजर आए. इस फिल्म ने मुझे इंडस्ट्री में मजबूती के साथ स्थापित कर दिया. अनिल शर्मा और धरमजी ने भी इस फिल्म के लिए पूरा क्रेडिट मुझे दिया. इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा और कुछ और नया कर गुजरने का जज्बा भी आया.
आपको इंडस्ट्री के हरफनमौला लोगों में शुमार किया जाता है.
वो शायद इसलिए कि मैं गीत, पटकथा लेखन और निर्देशन तीनों विधाओं में खुद को आजमा चुका हूं. मेरे ख्याल से फिल्म निर्माण के प्रत्येक पहलू पर ध्यान दिया जाना चाहिए और मैंने ऐसा ही किया. दरअसल मैं शुरू से ही निर्देशक बनना चाहता था. अपने फिल्म की शूटिंग के दौरान मैंने यह बात सन्नी देओल को बताई. उन्होंने मेरी बात को पूरी गंभीरता से लिया और इस तरह बतौर निर्देशक मेरी पहली फिल्म राइट या रांग भी रिलीज हो गई है.
लेकिन फिल्म टिकट खिड़की पर उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं कर पाई?
हां, यह बेहद दुखद बात रही. मेरे खयाल से हमने फिल्म की रिलीज के लिए गलत वक्त चुना. 12 मार्च को ही आईपीएल की भी शुरुआत हुई थी. उसी दौरान देशभर में परीक्षाएं भी जारी थीं. इसी के चलते फिल्म को उस तरह का रिस्पांस नहीं मिल पाया, जिसकी हमें उम्मीद थी.
तो फिर राइट या रांग में आपके लिए अच्छा क्या रहा?
भले ही राइट या रांग उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं कर पाई, बावजूद इसके यह फिल्म जिंदगीभर मेरी यादों में बनी रहेगी. सबसे बड़ी बात तो यह रही कि फिल्म को आलोचकों ने खूब सराहा. देश के लगभग सभी बड़े फिल्म विश्लेषकों ने राइट या रांग को एक ऊंचे दर्जे की फिल्म करार दिया. कुछ आलोचकों ने तो इसे श्रीराम राघवन की थ्रिलर जाॅनी गद्दार के बाद पिछले कुछ सालों में बाॅलीवुड की सबसे बेहतरीन थ्रिलर करार दिया. बतौर निर्देशक पहली ही फिल्म की रिलीज के बाद इस तरह की प्रतिक्रियाओं ने मेरा आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ा दिया है.
आप तो इस फिल्म के निर्माता भी बन गए हंै?
हां. और यह मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है. वह इसलिए क्योंकि आज से दस साल पहले मैंने बतौर लेखक फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत सुभाष घई साहब के साथ ही की थी. संयोग देखिए कि बतौर निर्माता पहली फिल्म भी उनके साथ ही है. असल में, हमने राइट या रांग फिल्म को घई साहब की कंपनी मुक्ता आटर््स के साथ मिलकर बनाया है. मेरे सबसे करीबी दोस्त कृष्ण चैधरी के साथ मिलकर मैंने प्रोडक्शन हाउस खोला है. उम्मीद है कि भविष्य में भी इसी तरह मनोरंजक फिल्में बनाते रहेंगे.
राइट या रांग के बाद आगामी प्रोजेक्ट?
एक फिल्म और है सन्नी देओल के साथ. द मैन नामक इस फिल्म में सनी के साथ शिल्पा शेट्टी हैं. खास बात यह है कि सन्नी इस फिल्म में मेरे सह-निर्देशक भी हैं. फिल्म की आधे से ज्यादा शूटिंग हो चुकी है. साल के आखिर तक इसे भी रिलीज करने के बारे में सोचा है. इसके साथ ही सन्नी देओल के साथ एक अन्य फिल्म गणित शुरू करने जा रहा हूं. उत्तरप्रदेश की राजनीति पर आधरित इस फिल्म में सन्नी के साथ ही दो अन्य अभिनेता भी होंगे. उम्मीद है साल के मध्य तक हम इस फिल्म की शूटिंग भी शुरू कर पाएंगे.

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